प्राचीन इतिहास महत्त्व पूर्ण प्रश्न
जब निम्न वर्ण जाति उपजाति अथवा कुल की लड़की का विवाह उसी के सामने अथवा उच्च वर्ण जाति उपजाति या कुल में किया जाये तो ऐसे विवाहों को अनुलोम विवाह कहते है इस प्रकार साधारणत: स्त्री की तुलना में पुरुष का वर्ण अथवा उच्च जाति होती है इस सम्बन्ध में कपाड़िया ने लिखा हिया की ब्रहण अपनी जाति के अतिरिक्त एनी तिन जातियों से विवाह कर सकता है एक छत्रिय अपनी जाति से तथा अपने से नीची दो जातियों में से पत्नी ले सकता है वैश्य केवल दो पत्निया रख सकता है और शुद्र केवल एक
वैदिक कल में अनुलोम विवाह का छेत्र काफी व्यापक था इस कल में अनुलोम नियम के अंतर्गत व्यक्ति का विवाह अपने ही वन अथवा अपने से निम्न वर्ण की लड़की के साथ होता था हिन्दू शास्त्रकारो के अनुसार किसी भी लड़की को अपने से उच्च जाति एवं उपजाति के लड़केसे विवाह कर लेना चाहिए
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