अगर तू खुश है मेरी आँखों में अंशु देख कर तो कसम है उस रब की मुस्कुराना छोड़ देंगे
तुझे देखने के लिए तड़पते रहेगे पर तेरी तरफ देखना छोड़ देंगे
खूब सूरत होना अच्छा नहीं होता बलकी अच्छा होना खूब सूरत होता है
खूब सूरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिससे मोहब्बत हो जाती है बो खूब सूरत लगने लगता है
खूबसूरती देखने वाले की नजर और दिल में होता है वरना गलतिया निकालने वाले ताज महल में भी निकाल देते है
वाह रे इंसान लॉस को हाथ लगाता है तो तुरंत जाकर नाहा कर आता है
बे जुबान जीव को मार कर खा जाता है
छोड़ देते है भोजन सिसमे एक बाल होता है
फिर क्यों खाते हो अंडे जिसमे एक माँ का लाल होता है
क़द्र करनी है तो जीते जी कर लो क्यो की मरने के बाद पराये भी रो दिया करते है
जब तक जिस्म में जान है तब तक देखते नहीं लोग जब रूह निकल जाती है तब कफ़न हटा हटा कर देखा करते है लोग
गुरुर किस बात की साहब आज मिट्टी के ऊपर हो तो कल मिट्टी के निचे मिलोगे
अक्सर लोग कहते है औरत की उम्र और लड़के की कमाई नहीं पूछनी चाहिए उसका सब से अच्छा कारण है
ये औरत अपने लिए नही जीती और मर्द अपने लिए नहीं कमाता
तुझे देखने के लिए तड़पते रहेगे पर तेरी तरफ देखना छोड़ देंगे
खूब सूरत होना अच्छा नहीं होता बलकी अच्छा होना खूब सूरत होता है
खूब सूरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिससे मोहब्बत हो जाती है बो खूब सूरत लगने लगता है
खूबसूरती देखने वाले की नजर और दिल में होता है वरना गलतिया निकालने वाले ताज महल में भी निकाल देते है
वाह रे इंसान लॉस को हाथ लगाता है तो तुरंत जाकर नाहा कर आता है
बे जुबान जीव को मार कर खा जाता है
छोड़ देते है भोजन सिसमे एक बाल होता है
फिर क्यों खाते हो अंडे जिसमे एक माँ का लाल होता है
क़द्र करनी है तो जीते जी कर लो क्यो की मरने के बाद पराये भी रो दिया करते है
जब तक जिस्म में जान है तब तक देखते नहीं लोग जब रूह निकल जाती है तब कफ़न हटा हटा कर देखा करते है लोग
गुरुर किस बात की साहब आज मिट्टी के ऊपर हो तो कल मिट्टी के निचे मिलोगे
अक्सर लोग कहते है औरत की उम्र और लड़के की कमाई नहीं पूछनी चाहिए उसका सब से अच्छा कारण है
ये औरत अपने लिए नही जीती और मर्द अपने लिए नहीं कमाता
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